सिद्धि विनायक स्तोत्रम

सिद्धि विनायक स्तोत्रम | Siddhi Vinayaka Stotram Lyrics And Benefits

सिद्धि विनायक स्तोत्रम भगवान गणेश के प्रति भक्ति और समर्पण का एक प्रमुख श्लोक है, जो उनकी महिमा और आदर्शों का स्तुति करता है। यह स्तोत्र गणपति के विशेष गुणों, विशेषताओं और महत्व को बताता है और भक्तों को उनकी आराधना और पूजा में लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

सिद्धि विनायक स्तोत्रम के पाठ से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और भक्त को उनकी कृपा से अनेक प्रकार की सिद्धियाँ मिलती हैं। इसके अलावा, यह स्तोत्र भक्त को विभिन्न प्रकार के विघ्नों और बाधाओं से मुक्ति दिलाता है और उसके मार्ग को साफ और सुखमय बनाता है। इसका पाठ करने से भक्त की आत्मा में शुद्धि और समर्पण की भावना बढ़ती है, और उसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। धन, संपत्ति, और सफलता के क्षेत्र में भी यह स्तोत्र बहुत प्रभावी होता है।

सिद्धि विनायक स्तोत्रम न केवल भक्ति और आराधना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्त के जीवन को सांत्वना, सिद्धि, और सफलता से भर देता है। इसका पाठ विशेष तौर पर गणेश चतुर्थी जैसे उपलक्ष्यपूर्ण अवसरों पर किया जाता है, लेकिन इसका प्रातिदिनिक पाठ भी भक्त के जीवन को आनंदमय और सफल बना सकता है।

Siddhi Vinayaka Stotram Lyrics in Hindi/Sanskrit

सिद्धि विनायक स्तोत्रम्

विघ्नेश विघ्नचयखंडननामधेय
श्रीशंकरात्मज सुराधिपवंद्यपाद ।
दुर्गामहाव्रतफलाखिलमंगलात्मन्
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥ 1 ॥

सत्पद्मरागमणिवर्णशरीरकांतिः
श्रीसिद्धिबुद्धिपरिचर्चितकुंकुमश्रीः ।
वक्षःस्थले वलयितातिमनोज्ञशुंडो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥ 2 ॥

पाशांकुशाब्जपरशूंश्च दधच्चतुर्भि-
-र्दोर्भिश्च शोणकुसुमस्रगुमांगजातः ।
सिंदूरशोभितललाटविधुप्रकाशो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥ 3 ॥

कार्येषु विघ्नचयभीतविरिंचमुख्यैः
संपूजितः सुरवरैरपि मोदकाद्यैः ।
सर्वेषु च प्रथममेव सुरेषु पूज्यो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥ 4 ॥

शीघ्रांचनस्खलनतुंगरवोर्ध्वकंठ-
-स्थूलेंदुरुद्रगणहासितदेवसंघः ।
शूर्पश्रुतिश्च पृथुवर्तुलतुंगतुंदो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥ 5 ॥

यज्ञोपवीतपदलंभितनागराज
मासादिपुण्यददृशीकृतृक्षराजः ।
भक्ताभयप्रद दयालय विघ्नराज
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥ 6 ॥

सद्रत्नसारततिराजितसत्किरीटः
कौसुंभचारुवसनद्वय ऊर्जितश्रीः ।
सर्वत्रमंगलकरस्मरणप्रतापो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥ 7 ॥

देवांतकाद्यसुरभीतसुरार्तिहर्ता
विज्ञानबोधनवरेण तमोऽपहर्ता ।
आनंदितत्रिभुवनेश कुमारबंधो
विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम् ॥ 8 ॥

इति श्रीमुद्गलपुराणे श्रीसिद्धिविनायक स्तोत्रं संपूर्णम् ।

Siddhi Vinayaka Stotram Lyrics in English

SIDDHI VINAYAKA STOTRAM

vighnēśa vighnachayakhaṇḍananāmadhēya
śrīśaṅkarātmaja surādhipavandyapāda ।
durgāmahāvrataphalākhilamaṅgaḻātman
vighnaṃ mamāpahara siddhivināyaka tvam ॥ 1 ॥

satpadmarāgamaṇivarṇaśarīrakāntiḥ
śrīsiddhibuddhiparicharchitakuṅkumaśrīḥ ।
vakṣaḥsthalē valayitātimanōjñaśuṇḍō
vighnaṃ mamāpahara siddhivināyaka tvam ॥ 2 ॥

pāśāṅkuśābjaparaśūṃścha dadhachchaturbhi-
-rdōrbhiścha śōṇakusumasragumāṅgajātaḥ ।
sindūraśōbhitalalāṭavidhuprakāśō
vighnaṃ mamāpahara siddhivināyaka tvam ॥ 3 ॥

kāryēṣu vighnachayabhītaviriñchamukhyaiḥ
sampūjitaḥ suravarairapi mōdakādyaiḥ ।
sarvēṣu cha prathamamēva surēṣu pūjyō
vighnaṃ mamāpahara siddhivināyaka tvam ॥ 4 ॥

śīghrāñchanaskhalanatuṅgaravōrdhvakaṇṭha-
-sthūlēndurudragaṇahāsitadēvasaṅghaḥ ।
śūrpaśrutiścha pṛthuvartulatuṅgatundō
vighnaṃ mamāpahara siddhivināyaka tvam ॥ 5 ॥

yajñōpavītapadalambhitanāgarāja
māsādipuṇyadadṛśīkṛtṛkṣarājaḥ ।
bhaktābhayaprada dayālaya vighnarāja
vighnaṃ mamāpahara siddhivināyaka tvam ॥ 6 ॥

sadratnasāratatirājitasatkirīṭaḥ
kausumbhachāruvasanadvaya ūrjitaśrīḥ ।
sarvatramaṅgaḻakarasmaraṇapratāpō
vighnaṃ mamāpahara siddhivināyaka tvam ॥ 7 ॥

dēvāntakādyasurabhītasurārtihartā
vijñānabōdhanavarēṇa tamō’pahartā ।
ānanditatribhuvanēśa kumārabandhō
vighnaṃ mamāpahara siddhivināyaka tvam ॥ 8 ॥

iti śrīmudgalapurāṇē śrīsiddhivināyaka stōtraṃ sampūrṇam ।

सिद्धि विनायक स्तोत्र के फ़ायदे /Benefits of Siddhi Vinayak Stotra

  • सिद्धियाँ प्राप्ति: सिद्धि विनायक स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को अनेक प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। इससे उनके जीवन में सफलता और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
  • विघ्ननाशक: गणेश जी के इस स्तोत्र का पाठ करने से विभिन्न प्रकार के विघ्नों और बाधाओं का नाश होता है। भक्त का मार्ग साफ होता है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
  • आत्मविकास: सिद्धि विनायक स्तोत्र का नियमित पाठ करने से व्यक्ति का आत्मविकास होता है। यह उनकी आत्मा को शुद्धि और स्वयं के प्रति अधिक समर्पण की ओर ले जाता है।
  • धन और संपत्ति: इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को धन और संपत्ति की प्राप्ति में मदद मिलती है। भगवान गणेश वित्तीय स्थिति को सुधारने में सहायक होते हैं।
  • मानसिक शांति: सिद्धि विनायक स्तोत्र का पाठ मानसिक चिंताओं और तनाव से मुक्ति प्रदान करता है। भक्त का मानसिक स्थिति स्थिर रहता है और वह सांत्वना महसूस करता है।
  • आत्मिक संयम: इस स्तोत्र का पाठ करने से आत्मिक संयम में सुधार होता है और भक्त अपनी इच्छाओं को नियंत्रित कर सकता है।
  • भक्ति और आराधना: सिद्धि विनायक स्तोत्र का पाठ करने से भक्त भगवान गणेश की भक्ति और आराधना में समर्पित होता है, जिससे उनका मानसिक और आत्मिक विकास होता है।
  • सिद्धि विनायक स्तोत्र का पाठ भक्त को गणेश जी के कृपांशील आशीर्वाद को प्राप्त करने में मदद करता है और उसके जीवन को सुखमय और समृद्धि से भर देता है।

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