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ganesh ji ke 1008 naam

1008 Names of Ganesha | भगवान गणेश के 1008 नाम मंत्र:

ॐ गणपतये नमः॥ ॐ गणेश्वराय नमः॥ ॐ गणक्रीडाय नमः॥ॐ गणनाथाय नमः॥ ॐ गणाधिपाय नमः॥ ॐ एकदंष्ट्राय नमः॥ ॐ गौरीसुखावहाय नमः ॥ ॐ उमाङ्गमलजाय नमः ॥ ॐ गौरीतेजोभुवे नमः ॥ॐ स्वर्धुनीभवाय नमः ॥ ॐ यज्ञकायाय नमः ॥ ॐ महानादाय नमः ॥ ॐ गिरिवर्ष्मणे नमः ॥ॐ शुभाननाय नमः ॥ ॐ सर्वात्मने नमः ॥ ॐ सर्वदेवात्मने नमः ॥ […]

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108 names of gahesha

108 Names of Ganesha | श्री गणेश के 108 नाम ( With Meaning)

आप दिन की शुरुआत में, कोई नया काम शुरू करने से पहले, या किसी महत्वपूर्ण काम के लिए कहीं जा रहे हों तो भगवान गणेश के 108 नाम सुन या खुद बोल सकते हैं। मंगलवार और बुधवार के दिन इन मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। You can listen to 108 names of

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vighna vinashak Ganesh Kavach

विघ्नविनाशक श्री गणेश कवच

|मुनिरुवाच||ध्यायेत् सिंहगतं विनायकममुंदिग्बाहुमाधे युगेत्रेतायां तु मयूरवाहनममुं षडवाहुकं सिद्धिदम्द्वापरके तु गजाननं युगभुजं रक्तांग रागं विभुंतुर्ये तु द्विभुजं सितांगरुचिरं सर्वार्थदं सर्वदाविनायकः शिखां पातु परमात्मा परात्परःअति सुन्दरकायस्तु मस्तकं सुमहोत्कटःललाटं कश्यपः पातु भ्र युगं तु महोदरःनयने भाल चन्द्रस्तु गजास्यस्त्वोष्ठपल्लवौजिह्वां पातु गणाक्रीडश्चिबुकं गिरिजासुतःवाचं विनायकः पातु दंतान् रक्षतु दुमुर्खःश्रवणौ पाशपाणिस्तु नासिकों चिंतितार्थदःगणेशस्तु मुखं कंठं पातु देवो गणञ्जयःस्कन्धौ पातु गजस्कन्धः स्तनौ विघ्नविनाशनःहृदयं

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haridra ganesh kawach

Haridra Ganesh Kavach | हरिद्रा गणेश कवच

माता के दशों महाविद्याओं रूपों के अलग-अलग भैरव तथा गणेश हैं। श्री बगलामुखी माता के गणेश श्री हरिद्रा गणेश हैं। हरिद्रा गणेश की पूजा, अपने शत्रु को परवर्तित कर उसे वशीभूत करने हेतु प्रसन्न किया जाता है। तथा श्री हरिद्रा गणेश की पूजा माता बगलामुखी की साधना के साथ ही की जाती है। ॥ अथ

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shree ganesh kawach

Ganesh Kawach | श्री गणेश कवच

एषोति चपलो दैत्यान् बाल्येपि नाशयत्यहो ।अग्रे किं कर्म कर्तेति न जाने मुनिसत्तम ॥ १ ॥ दैत्या नानाविधा दुष्टास्साधु देवद्रुमः खलाः ।अतोस्य कंठे किंचित्त्यं रक्षां संबद्धुमर्हसि ॥ २ ॥ ध्यायेत् सिंहगतं विनायकममुं दिग्बाहु माद्ये युगेत्रेतायां तु मयूर वाहनममुं षड्बाहुकं सिद्धिदम् । ईद्वापरेतु गजाननं युगभुजं रक्तांगरागं विभुम् तुर्येतु द्विभुजं सितांगरुचिरं सर्वार्थदं सर्वदा ॥ ३ ॥ विनायक श्शिखांपातु

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Ganesh chalisa

Ganesh Chalisa | श्री गणेश चालीसा

।।दोहा।। जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ।। ।।चौपाई।। जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः काजू ।। जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायका बुद्धि विधाता ।। वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ।। राजत मणि मुक्तन

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shiva stories

Sawan Shivratri Katha

श्रावण मास में भी क्यों मनाते है शिवरात्री ? What is the Story of Sawan Shivratri ? सावन का महीना पूरी मानव जाति के लिए महत्वपूर्ण है। यही वह महीना है जिसमें समुद्र मंथन शुरू हुआ और 14 बहुमूल्य रत्न निकले– परंतु सबसे पहले हलाहल विश निकल आया विश इतना प्रभावी था कि उसकी दुर्गंध

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Hanuma chalisa lyrics in Hindi

Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi | श्री हनुमान चालीसा

Hanuman Chalisa Doha हनुमान चालीसा दोहा – श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। हनुमान चालीसा चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महावीर विक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति

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Shiv ji aarti in hindi with proper lyrics

Shiv Aarti | शिवजी की आरती

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ॐ जय शिव ओंकारा… एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ॐ जय शिव ओंकारा… दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ॐ जय शिव ओंकारा.. अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ॐ जय शिव ओंकारा.. श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।सनकादिक

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Shiv tandav stotram

Shiv Tandav Stotram | शिव तांडव स्तोत्रम्

जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थलेगलेवलंब्य लंबितां भुजंगतुंगमालिकाम् ।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयंचकार चंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥ 1 ॥ जटाकटाहसंभ्रमभ्रमन्निलिंपनिर्झरी–विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावकेकिशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥ 2 ॥ धराधरेंद्रनंदिनीविलासबंधुबंधुरस्फुरद्दिगंतसंततिप्रमोदमानमानसे ।कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदिक्वचिद्दिगंबरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥ 3 ॥ जटाभुजंगपिंगलस्फुरत्फणामणिप्रभाकदंबकुंकुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।मदांधसिंधुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरेमनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥ 4 ॥ सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखरप्रसूनधूलिधोरणी विधूसरांघ्रिपीठभूः ।भुजंगराजमालया निबद्धजाटजूटकश्रियै चिराय जायतां चकोरबंधुशेखरः ॥ 5 ॥ ललाटचत्वरज्वलद्धनंजयस्फुलिंगभा–निपीतपंचसायकं नमन्निलिंपनायकम् ।सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरंमहाकपालिसंपदेशिरोजटालमस्तु नः ॥ 6 ॥ करालफालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल-द्धनंजयाधरीकृतप्रचंडपंचसायके

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